इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की बड़ी सौगात सब्सिडी बढ़ने से सस्ती होंगी ईवी कारें!
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाने की घोषणा की है। इस निर्णय का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर आकर्षित करना और देश में हरित ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।
सरकार ने क्यों बढ़ाई सब्सिडी?
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति को तेज करने और पेट्रोल-डीजल से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए यह निर्णय लिया है। भारत में अभी भी ईवी की कीमतें आम जनता के लिए थोड़ी महंगी मानी जाती हैं, लेकिन सब्सिडी में बढ़ोतरी से यह समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।
फेम-II योजना के तहत बड़ा बदलाव
सरकार की यह नई घोषणा फेम-II (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) योजना के तहत की गई है। इस योजना के अंतर्गत:
- इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर सब्सिडी बढ़ाकर ₹15,000 प्रति kWh कर दी गई है।
- इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और ई-रिक्शा के लिए भी सहायता राशि में वृद्धि की गई है।
- ईवी कारों और बसों के लिए अलग-अलग अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक परिवहन को भी बढ़ावा मिलेगा।
ईवी की कीमतों पर पड़ेगा क्या असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ी हुई सब्सिडी के चलते इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में 10% से 15% तक की कमी आ सकती है। इससे आम उपभोक्ताओं के लिए ईवी खरीदना आसान हो जाएगा और उनका झुकाव पेट्रोल-डीजल वाहनों से हटकर ईवी की ओर होगा।
ईवी अपनाने के क्या होंगे फायदे?
- पर्यावरण संरक्षण: इलेक्ट्रिक वाहनों से कोई प्रदूषण नहीं होता, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- कम खर्चीला: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के मुकाबले ईवी की चार्जिंग काफी सस्ती होती है।
- सरकारी लाभ: सब्सिडी के अलावा सरकार टैक्स में भी छूट दे रही है, जिससे ईवी खरीदने वालों को अतिरिक्त फायदा होगा।
- लंबी अवधि में बचत: एक इलेक्ट्रिक वाहन का मेंटेनेंस पारंपरिक गाड़ियों के मुकाबले काफी कम होता है।
बड़ी कंपनियों का क्या कहना है?
टाटा मोटर्स, महिंद्रा, ओला इलेक्ट्रिक और हीरो जैसी कंपनियों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। कंपनियों का मानना है कि इस कदम से ईवी का बाजार तेजी से बढ़ेगा और भविष्य में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, ईवी अपनाने में अभी भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनमें चार्जिंग स्टेशनों की कमी, बैटरी की उच्च लागत और सीमित ड्राइविंग रेंज शामिल हैं। सरकार ने इन समस्याओं को हल करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने और बैटरी निर्माण को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
निष्कर्ष:
सरकार की यह पहल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने में मदद करेगी। बढ़ी हुई सब्सिडी के चलते अब आम आदमी के लिए भी ईवी खरीदना आसान हो जाएगा। अगर आप भी नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह समय इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए सबसे उपयुक्त हो सकता है।